आदरणीय याचिकाकर्ताओ को नमस्कार, 5-10-2018
आपको अवगत
कराया जाता है, कि
प्लॉट से संबन्धित सभा का केस माननीय न्यायाधीस साहिब के समक्ष दिनाक 04-10-2018 को सुनवाई मे आया था। इस सुनवाई मे आदेश न 21 के बारे मे
चर्चा हुई। जो कि आपके समक्ष रखा जा रहा है। मित्रो पिछली तीन सुनवाईया केवल एक ही मुदे पर केन्द्रित रही कि दुर्गा बिल्डर जमीन के case मे नया बिल्डर कार्य कर सकता है या नहीं, क्योकि
इस बिल्डर के पास जमीन के लाइसेंन्स नहीं है। पूरी जमीन माननीय सूप्रीम कोर्ट के आदेश से हरयाणा सरकार के आधीन है। सरकार के पास बिल्डर की कोई बैंक गैरेनटी जमा नहीं है। बिल्डर ने सन 1993 के बाद 6 लाइसनसों का नवीनीकरण नहीं कराया है। बिल्डर पुरानी जिंम्मेवारी नहीं लेना चाहता है। प्लॉटो का साइज़ कम करना चाहता है। हमारी पुरानी जमा भूमि धन और विकाश सुल्क जेसी सही जानकारी देने मे असमर्थ है। हमने जब से जमीन खरीदी है तब से और अबतक नए बिल्डर के साथ कोई लिखित कारवाई नहीं की है। बिल्डर को किसी भी आदालत से कार्य करने की कोई अनुमति नहीं है।
इन परिस्थितियों मे माननीय कोर्ट हमारे case को सूप्रीम कोर्ट से clarification लेना चाहती है, कि इस बिल्डर को इन परिश्थितियों मे बिल्डर माना जा सकता है या नहीं, अगर नहीं, तो क्यौ ना जमीन को हरयाणा अर्बन एरिया एक्ट 1975 के अनुसार आगे के कार्य करने के लिए दे दी जाय। इस संबंध मे माननीय
आरबिट्रेटर साहब बिल्डर के मामले मे कानूनी राय लेने के लिए माननीय सूप्रीम कोर्ट मे केश को सुनवाई करवाना चाहते है। कानूनी राय प्राप्त होते ही फिर case दुबारा माननीय आरबिट्रेटर साहब के पास
आजेगा और वे बचे कार्यों मे आदेश करेगे।
यह आपकी जानकारी के लिए प्रस्तुत किया जाता है।
धन्यबाद।
किशोरी लाल महा सचिब